हिंद देश के निवासी कविता pdf | Hind Desh Ke Niwasi Lyrics

हैल्लो दोस्तों और प्यारे बच्चो, आज की इस पोस्ट में हम “Hind Desh Ke Niwasi Lyrics” चैक करने वाले है। साथियों जब कभी भी कोई राष्ट्रीय पर्व आता है तो बच्चे “हिंद देश के निवासी कविता pdf” के बारे में ऑनलाइन सर्च करने लगते है। इसी बात को ध्यान में रखकर में आपके साथ PDF भी शेयर कर रहा हूँ तो इस पोस्ट के लास्ट तक बने रहिये।

हिंद देश के निवासी कविता pdf | Hind Desh Ke Niwasi Lyrics

यह एक देशभक्ति गीत है। जिसकी रचना पद्मश्री विजेता विनय चंद्र मौदगल्य ने किया है। इस गीत के माध्यम से हमें भारत की एकता और अखंडता के बारे में बताया गया है। यह गीत हमें भारतीय गणराज्य के सभी राज्यों और उनकी भाषा के प्रति निष्टावान होने की प्रेरणा भी देता है। यह भी पढ़े : 13 February Ko Kya Hai? | 13 फरवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है?

हिंद देश के निवासी कविता pdf | Hind Desh Ke Niwasi Lyrics

हिंद देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है,
हिंद देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है !!

बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली,
बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली,
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक है,
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक है,
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है !!

कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी,
कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी,
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है,
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है,
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है !!

गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी,
गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी,
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक है,
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक है,
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है !!

हिंद देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है,
हिंद देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है !!

Hind Desh Ke Niwasi Lyrics in English:-

Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hai,
Rang Roop Vesh Bhasha Chahe Anek Hai,
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hai,
Rang Roop Vesh Bhasha Chahe Anek Hai,

Bela Gulab Juhi Champa Chameli,
Bela Gulab Juhi Champa Chameli,
Pyare-Pyare Phool Goonthe Mala Mein Ek Hai,
Pyare-Pyare Phool Goonthe Mala Mein Ek Hai,
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hai,
Rang Roop Vesh Bhasha Chahe Anek Hai,

Koyal Ki Kook Nyari Papihe Ki Ter Pyari,
Koyal Ki Kook Nyari Papihe Ki Ter Pyari,
Gaa Rahi Tarana Bulbul Raag Magar Ek Hai,
Gaa Rahi Tarana Bulbul Raag Magar Ek Hai,
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hai,
Rang Roop Vesh Bhasha Chahe Anek Hai,

Ganga Yamuna Brahmaputra Krishna Kaveri,
Ganga Yamuna Brahmaputra Krishna Kaveri,
Jake Mil Gayi Sagar Mein Hui Sab Ek Hai,
Jake Mil Gayi Sagar Mein Hui Sab Ek Hai,
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hai,
Rang Roop Vesh Bhasha Chahe Anek Hai,

Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hai,
Rang Roop Vesh Bhasha Chahe Anek Hai,
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hai,
Rang Roop Vesh Bhasha Chahe Anek Hai !!

हिंद देश के निवासी कविता pdf >> जल्द अपडेट कर रहे है …

दोस्तों, Hind Desh Ke Niwasi Lyrics PDF के बारे में यह जानकारी आपको कैसे लगी? नीचे कमेन्ट करके जरुर बताइए। ऐसे ही तमाम रोचक जानकारी के लिए हमारी साईट www.devbhumiuk.com पर आते रहिये।

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