Uttarakhand ke Tyohar | उत्तराखंड के प्रमुख त्योहार: जैसा कि हम सभी जानते है कि उत्तराखंड देश का एक पर्वतीय राज्य है। यह राज्य अपने अदम्य प्राकर्तिक सौन्दर्य और शांत वातावरण के लिए देश विदेशो में प्रशिद्ध है। उत्तराखंड राज्य के निवासी काफी जिंदादिल और हर परिस्थिति में जीने की क्षमता रखने वाले लोग है। यहाँ हर महीने हर मौसम में कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। आज हम इस पोस्ट में Uttarakhand ke Tyohar के बारे में जानने वाले है।
Uttarakhand ke Tyohar | उत्तराखंड के प्रमुख त्योहार
उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार: उत्तराखंड बेहद खूबसूरती से भरपूर एक धार्मिक राज्य है। यह राज्य अपने आप में एक अति उत्साहित राज्य है। यहाँ के लोग हर त्यौहार को बड़े सादगी और अति हर्ष उल्लाष के साथ मानते है। आइये जानते है कि उत्तराखंड के कौन – कौन से प्रमुख त्यौहार है और कब – कब मनाये जाते है।
- 👉 घुघुतिया या काले कौवा (Ghugutiya)
- 👉 हरेला (Harela)
- 👉 फूल – देई (Phool Dei)
- 👉 घी – त्यार (Ghee Sankranti)
- 👉 कंडाली (Kandali)
- 👉 ख़तडूआ (Khatarua)
- 👉 स्याल्दे बिखौती त्यौहार (Baisakhi)
घुघुतिया या काले कौवा (Ghugutiya): उत्तराखंड के कुमाऊ मण्डल में मनाये जाने वाले त्योहारों में से घुघूती (Ghughuti) एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार मकर सक्रांति के दिन मनाया जाता है। यह भी देखे : Ghughuti Festival Image & Wishes (घुघुतिया त्यौहार की शुभकामनाएं)
फूल – देई (Phool Dei): फूलदेई एक ऐसा त्योहार है जो चैत्र संक्रांति, अष्ठमी से लेकर अप्रैल वाली बैशैखी तक मानाया जाता है। इस त्योहार में बच्चे फूल तोड़कर लाते हैं और पारंपरिक पोषाकों में लोकगीत गाते हुए इन फूलों को हर घर की देहरी पर रखते हैं। ऐसे करता हुए बच्चे हर घर तक जाते हैं ।
घी संक्रांति (Ghee Tyar): घी-त्यार (घी त्यौहार) उत्तराखण्ड का एक लोक उत्सव है। यह त्यौहार भी हरेले की ही तरह ऋतु आधारित त्यौहार है। हरेला जहाँ बीजों को बोने और वर्षा ऋतु के आगमन का प्रतीक त्यौहार है, वहीं घी-त्यार फसलों में बालियों के लग जाने पर मनाया जाने वाला त्यौहार है। घी त्यार के दिन एक दूसरे को दूध, दही और फल सब्जियों के उपहार दिए जाते हैं।
स्याल्दे बिखौती त्यौहार (Baisakhi): बिखौती त्यौहार उत्तराखंड के लोक पर्व के रूप में कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है। बिखौती त्योहार को विषुवत संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इसलिए इसे लोक भाषा में बिखौती त्यौहार कहा जाता है। प्रत्येक साल बैसाख माह के पहली तिथि को भगवान सूर्यदेव अपनी श्रेष्ठ राशी मेष राशी में विचरण करते हैं।इस स्थिति या संक्रांति को विषुवत संक्रांति या विशुवती त्योहार या उत्तराखंड की लोक भाषा कुमाऊनी में बिखोती त्योहार कहते हैं।
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